जिला विधिक सेवा प्राधिकरण - आगरा के तत्वावधान एवं जनपद न्यायाधीश के निर्देशन में महिलाओं एवं बच्चों को विधिक अधिकारों की जानकारी देने के लिए एक पहल पाठशाला, दयालबाग, आगरा में विधिक साक्षरता शिविरआयोजन किया गया। अध्यक्षता श्री मयंक कुमार जैन (माननीय जनपद न्यायाधीश) व श्री प्रशांत कुमार (प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) ने की। महिलाओं एवं बच्चों को उनके अधिकारों के संबंध में जानकारी राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति की सदस्या श्रीमती बबिता शर्मा (अधिवक्ता) के द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। आज बेटियां उच्च पदों पर आसीन हैं, हमें संकल्प लेना होगा कि हम अपनी बेटियों को पढ़ाएंगे और कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए आवाज उठाएंगे। प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने भरण-पोषण अधिनियम, विवाह अधिनियम एवं महिलाओं की संपत्ति में अधिकार के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि महिलाएं अपने पति से अपने गुजारा भत्ता के लिए भरण-पोषण अधिनियम धारा 125 के तहत पाने की अधिकारी हैं। कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक कानूनी अपराध है, जिसके लिए सजा का प्राविधान है। इसे रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। श्री मनीष राय (सचिव - एक पहल) ने पॉक्सो एक्ट के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह विशेष कानून सरकार ने साल 2012 में बनाया था। इसके जरिये नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामले में कार्रवाई की जाती है। यह एक्ट बच्चों के सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है। एक किशोर (टीनएज) है तो उस पर किशोर न्यायालय अधिनियम में केस चलाया जाएगा साथ ही यह भी बताया कि एक पहल बच्चों की सुरक्षा के लिये हरसंभव प्रयास कर रही है इसलिए डाक विभाग आगरा के सहयोग से पोक्सो शिकायत पेटिका भी एक पहल पाठशाला में लगाई गई है जिसमे एक कागज पर शिकायत लिखकर पेटिका में डाली जाती है और निरंतर अंतराल पर उसे खोलकर संबंधित अधिकारियों तक शिकायत को प्रेषित किया जाता है। श्री रोहित अग्रवाल (अधिवक्ता) ने भी शिविर में अहम जानकारियां दी। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का हार्दिक धन्यवाद।